Sunday, 29 March 2009

मेरा गीत सबकेलिये


पाना बहोत है तुमसे
पाना बहोत है तुमसे मगर
खोने का डर है
मै धन दौलत की बात नही करता,
तेरा प्यारही मेरेलिए सबकुछ है!
पाना बहोत है तुमसे मगर खोने का डर है !
तुमको कैसे बताये ?
प्यार कितना करते है,
कैसे समजाये
यादो में तेरी खो जाए ,
पल्कोमे तेरी छुप जाए,
हाँ मै सिर्फ़ सपनों की बात नही करता,
तेरा प्यारही मेरे लिए सबकुछ है !
पाना बहोत है तुमसे मगर खोने का डर है!


तुमको देखा है जबसे
रातोकी नींद दिनका चैन गया है ,
बाहोमे मै तेरी आ जाए ,
ओठोको तेरी छु जाए,
हाँ मै एहसास की बात नही करता,
तेरा प्यार ही मेरे लिए सबकुछ है !
पाना बहोत है तुमसे मगर खोने का डर है!
गीतकार : निलेश वासुदेव गणगे (नील कवि )
मलकपुर. मो-९४०३२५२५२६
संगीतकार :- कोई होगा तो जरुर कॉल करना!



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